भाग 11 - मेवाड़ का इतिहास
रावल अल्लट
अल्लट 951 ई. में मेवाड़ के शासक बने | आहड़ से प्राप्त शक्तिकुमार
का लेख 977 ई. के अनुसार
अल्लट की
माता महालक्ष्मी का राठौड़
वंश की होना तथा अल्लट की राणी हरियदेवी का हूण राजा
की पुत्री होना और उस राणी का हर्षपुर गांव बसाना अंकित है अल्लट ने आहड़ को राजधानी बनाई व यहाँ वराह मन्दिर का निर्माण करवाया | यह लेख
टोड़ को मिला था | यह अपूर्ण लेख उदयपुर के संग्रहालय में सुरक्षित है |
अल्लट ने हूण राजकुमारी हरियादेवी से विवाह किया | ये मेवाड़ के पहले शासक थे, जिन्होंने हूण राजकुमारी से विवाह किया | राजा अल्लट के समय (वि सं 1010) के शिलालेख से सारणेश्वर के मंदिर का छबना बनाया गया था। राजा अल्लट के समय का लेख मूल में वाराह मंदिर में लगा हुआ है जो मेवाड़ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अल्लट ने मेवाड़ में सबसे पहले नौकरशाही का गठन किया|
आहड़ का देवकुलिका का लेख 977 ई. के अनुसार
मेवाड़
के राजा अल्लट,
नरवाहन और शक्तिकुमार के नाम होने से यह शक्तिकुमार के समय का
प्रतीत होता है. इस लेख का सबसे बड़ा उपयोग यह है कि इससे इन तीनों शासकों के
समय के अक्षपटलाधीशों
का वर्णन मिलता है. अब यह लेख का खण्ड आहड़ के जैन मन्दिर के छबने में तोड़फोड़कर
लगा दिया गया है. इसका थोड़ासा भाग बचा है जिससे यह सूचनायें मिलती हैं. अल्लट के सम्बन्ध में इसमें
उल्लिखित है कि उसने अपनी भयानक गदा से अपने प्रबल शत्रु देवपाल को युद्ध में मारा. सम्भव है कि देवपाल कन्नौज का शासक था जिसने
अपने राज्य में मेवाड़ सम्मिलित करने के लिये प्रयास किया हो और चढाई के अवसर पर मारा गया
हो. इस लेख में अल्लट के अक्षपटलाधीश का नाम मयूर दिया है.
रावल अल्लट का राज्यकाल(951 – 971 ईस्वी)
रावल अल्लट के युद्ध
मृत्यु
971 ई. में अल्लट का देहान्त हुआ
अल्लट के बारे मे ज्यादा लिखे बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंहरिया देवी कहा की राजकुमारी थी हरिया देवी के बारे मे थोडा और बताऐ
जवाब देंहटाएंwe are trying to fetch knowledge from various sources
हटाएंHaruya devi hun Rani thi jisne harshpur namak gaav ki sthapna ki
हटाएंयह राजस्थान का प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय विवाह हुआ था
जवाब देंहटाएंha sahi kaha
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